well i post my poems here.hope u guies appreciate.......
डर कर निकले थे घर से
कि क्या डगर कौन सा रास्ता होगा
रहमत कुछ ऐसी हुई उसकी
कि जो डगर पकड़ी
वहीं से रास्ता निकल।
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